सुरजड़ा की रोही में खेजड़ी पर हिरणों को लटका कर मारने के कांड में वन विभाग जांच अधिकारी की शिकारियों से मिलीभगत.

30 सिंतबर, 2020 को दो हिरणों को खेजड़ी से लटका कर खाल उतारते हुए शिकारियों को आप सभी ने देखा था. आप लोगों के समर्थन के कारण ही वन अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से दिनांक 01.10.2020 को वन्य जीव प्रेमियों साथ मौके पर जाकर सात हिरणों के अवशेष बरामद किये थे. एक शिकारी भजना बावरी को भी वन्य जीव प्रेमी जयप्रकाश व अन्य ने जान पर खेलकर पकड़वाया था. 01.10.2020 को तीन शिकारियों के विरुद्ध श्रीकोलायत रेंज में मुकदमा संख्या 21/10 दर्ज करवाया था. सुरजड़ा रेंज में विगत शिकार घटनाओं में मिलीभगत की सूचनाएं आम थी. इस प्रकरण में भी रेंजर जितेंद्र सिंह की शिकारियों से मिलीभगत के कारण वन विभाग के सर्वोच्च अधिकारी श्रीमान जी वी रेड्डी के (होप)के दखल से के बाद इस केस की जांच बदली गई. बीकानेर वन्यजीव जिला वन अधिकारी(DFO) श्रीमान विरेन्द्र जोरा जांच को दी गई. लेकिन वन्य जीव प्रेमियों के लिए मामला जस का तस रहा. लेकिन लगता है DFO जोरा ने भी रेंज अधिकारी जितेंद्र सिंह की ही तरह कुख्यात शिकारी गिरोह से समझोता कर लिया. क्योंकि उन्होंने संदिग्ध रेंजर जितेंद्र सिंह के द्वारा शिकारी भजना बावरी को बिना बंदूक बरामद किये ही जे.सी. करवा दिया. तथा शेष दो शिकारी किशना बावरी और उसके पिता रूघा बावरी को घटना के 12 दिन गुजर जाने पर भी अभी तक नहीं पकड़ा है और ना उन तीनों शिकारियों की बंदूकें बरामद की है. ना ही मांस सप्लाई करने वाले पप्पु गिरान्धी की लग्जरी गाड़ी बरामद की.
अब जब हिरणों के खैजड़ी से लटके शवों के और शिकारियों के विडियो वायरल हो जाने और शिकारी गिरोह को कानून के शिकंजे में फंसता देख कर अब वन विभाग अधिकारी बौखला गये है. खुलेआम बीकानेर वन विभाग के अधिकारी इन तीनों शिकारियों को कानूनी सजा से बचाने हेतु सक्रिय हैं. इसी कड़ी में जांच अधिकारी DFO श्री विरेन्द्र जोरा तो शिकारियों की करतूतों का विडियो बनाकर उन्हें बेनकाब करने वाले साहसी वन्यजीव प्रेमी श्री दीपदान चारण को ही उल्टे उस शिकार कांड में संलिप्त बताकर मुलज्जिम बनाने पर उतर आये हैं.
वन विभाग के अधिकारियों की यह करतूत अत्यंत शर्मनाक है. अतः वन विभाग की इस मनमानी का समाज के हर व्यक्ति को खुलकर विरोध करना जरूरी हो गया है.
सभी वन्य जीव प्रेमियों से अनुरोध है कि वन विभाग की इस करतूत का खुलकर विरोध किया जाए. तथा हर व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार को वन विभाग की इस करतूत से अवगत कराऐं.
निवेदक
मोखराम धारणियां
अध्यक्ष जीव रक्षा संस्था बीकानेर
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