संतो के सानिध्य में शब्दावाणी पाठ के साथ 1100 पौधारोपण कर भक्त बाजोजी बगीची की नींव रखी
जसरासर 12 सितंबर । निकटवर्ती ग्राम दूदावास की सीमा में आज श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के तत्वावधान में भव्य आयोजन कर पौधारोपण किया गया जिसमें 363 खेजड़ली बलिदान शहीदों की याद में तीन तीन पौधे एक घंटे में लगाए गए। बाजोजी भगत का बगीचा प्रारंभ करने के लिए विधिवत नींव रखी गई।
120 शब्दवाणी के सस्वर पाठ व हवन के पश्चात विधिवत भूमि पूजन कर रखी बगीची की नींव
संस्था के संरक्षक एवं मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंद जी महाराज के सानिध्य में जांभोजी की शब्दवाणी का सामूहिक पाठ किया गया। सवा घंटे तक हवन करने के बाद भूमि पूजन करके विधिवत बगीचे की नींव रखी गई। हवन के समय समराथल के महंत स्वामी रामकिशन जी महाराज पीपासर के महंत स्वामी भक्ति स्वरूप जी महाराज सहित समाज के वयोवृद्ध एवं गणमान्य लोगों ने सामूहिक सस्वर शब्द वाणी का पाठ किया। आचार्य श्री ने विधिवत भूमि पूजन कर अपने हाथ से पौधा लगाया और बगीचे की नींव रखी।
स्वामी रामानंद जी महाराज ने कहा कि हम प्राणवायु के बिना जिंदा नहीं रह सकते, पौधों से प्राणवायु मिलती है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना मनुष्य मात्र का कर्तव्य है। उन्होंने ओजोन परत में हुए छेद व उससे पड़ने वाले प्रभाव से मानव समाज को होने वाले खतरे के बारे में विस्तार से बताया। आचार्य श्री ने उपस्थित जनसमूह को वृक्षारोपण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनकी संतान धोखा दे सकती है दुःख दे सकती है मगर उनके द्वारा पाल पोस कर बड़ा किया गया पेड़ हमेशा सर्वजन हित ही करता है। आज शहीदों की याद में लगाए जा रहे 1100 पौधों की योजना के लिए संस्था की टीम को आशीर्वाद दिया और पौधारोपण के लिए भूमि दान करने वाले गोपाल राम तरड़ और उनके परिवार को साधुवाद दिया। आचार्य श्री ने कहा कि पौधों को निरंतर पानी सींचकर बड़ा करना है। बाजोजी भगत के बगीचे की आज नींव रखी गई है जिसको पूर्ण विकसित करने के लिए ,प्राकृतिक दृश्य पैदा करने में जन जन का सहयोग अपेक्षित है।
संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने गोपाल राम तरड़ और उनके परिवार द्वारा संस्था को दान की गई भूमि के लिए आभार जताया और अन्य लोगों को भी धर्म के कार्यों में त्याग करने की प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि बाजोजी भगत के बगीचे में आज शहीदों की याद में ग्यारह सौ पौधे लगाए गए हैं जिन पर असंख्य जीव-जंतुओं का बसेरा होगा और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी यहां पुख्ता इंतजाम करने की योजना संस्था में प्रस्तावित है। विभिन्न गांव से आए वन्यजीव प्रेमियों और संस्था के पदाधिकारियों का भी प्रदेश अध्यक्ष ने आभार ज्ञापित किया पौधा लगाने की विधि बताते हुए सभी को धन्यवाद दिया।
ओमप्रकाश भादू रोड़ा ने वन्यजीव संरक्षण और पौधारोपण के इस आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की और सभी के सहयोग की आवश्यकता बताई। संस्था के प्रदेश संगठन मंत्री कैप्टन भंवर लाल बिश्नोई ने भूमि दानदाताओं का आभार जताने के साथ ही प्रकृति संतुलन के लिए मानव के कर्तव्य पर प्रकाश डाला। विष्णु खीचड़ ने बगीचे के विकास में सभी के सहयोग की आवश्यकता बताई। ओम प्रकाश भांभू ने आज के इस आयोजन को इतिहास रचने वाली घटना बताया और शुभ कार्य में सहयोग देने की अपील की। सुनील भांभू ने कहा कि 2 वर्षों तक लगातार इन पौधों में आवश्यकता अनुसार पानी की सिंचाई करने में वे टीम सहित हमेशा तत्पर रहेंगे उनकी टीम पूर्ण सहयोग करेगी और टैंकर की व्यवस्था करके निरंतर पानी पिलाया जाएगा और इस बगीचे को पूर्ण विकसित होने तक सहयोग जारी रहेगा।
संस्था के प्रदेश महामंत्री अनिल धारणिया हनुमानगढ़ ने भूमि दान दाताओं को धन्यवाद दिया। उपस्थित सभी जनसमूह के उत्साह की प्रशंसा की और भविष्य में निरंतर सहयोग बनाए रखकर इस बगीचे को पूर्ण विकसित करने की बात कही। प्रदेश संस्कृति मंत्री राम गोपाल विश्नोई नोखा के तहसील अध्यक्ष जगदीश डेलू और श्री डूंगरगढ़ के तहसील अध्यक्ष शिव कैलाश धारणिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। रामस्वरूप पुत्र जयसुखराम धारणीय नोखा की ओर से 800 पौधे भेंट किए गए। कैलाश धारणिया सांवतसर की तरफ से 400 पौधे खेजड़ी के और आगंतुकों को भोजन प्रसाद की व्यवस्था बनवारी पुत्र जयसुखराम जी धारणिया निवासी सांवतसर की ओर से की गयी।
इस अवसर पर मांगीलाल डेलू काकड़ा हेतराम जेगला, मनीराम गोदारा मडिया, रामगोपाल डेलू, पंचायत समिति सदस्य भलूराम धारणिया, सांवतसर, बंसीलाल ,रामप्रताप आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे ।
एक घंटे में रोपित किए गए 11 सौ पौधे
श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान की टीम और उनके आह्वान पर पहुंचे स्त्री पुरुष जवान युवा संत गणमान्य नागरिक तथा जनप्रतिनिधियों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया और मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंद जी महाराज के कर कमलों द्वारा बगीचे की नींव रखने के तुरंत बाद सभी लोगों ने उत्साह से लगकर एक ही घंटे में 11सौ पौधे रोपित कर दिए । पहले से तैयार खड्डों में पौधे लगाकर पानी सींचा और 1 घंटे में पौधारोपण योजना को सफल बना कर खुशी जाहिर की ।उसके तुरंत बाद ही इंद्र भगवान ने मेहरबानी करते हुए सभी के उत्साह का समर्थन किया और मूसलाधार बारिश करके पेड़ों को पानी से तरबतर कर दिया।
उल्लेखनीय सहयोग करने वालों का सम्मान
संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने पौधारोपण के लिए भूमि दान करने वाले गोपाल राम तरड़ को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। उनके भाई रामप्रताप मनीराम भारमल उनके पुत्र श्रवण सीताराम पूनमचंद सुभाष आदि को भी सम्मानित किया पौधारोपण योजना की तैयारी और आर्थिक सहयोग के लिए श्री डूंगरगढ़ तहसील के अध्यक्ष शिव कैलाश धारणिया के विशेष योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए सम्मानित किया।
नारी शक्ति के रूप में महिलाओं की उपस्थिति ने बढ़ाया उत्साह
363 शहीदों की याद में तीन तीन पौधे लगाते समय अमृता देवी बिश्नोई को नमन करते हुए आज के आयोजन में पौधारोपण परियोजना में उपस्थित महिला शक्ति ने बड़े ही उत्साह के साथ पौधारोपण किया उन्होंने बालिकाओं और बच्चों के साथ उपस्थित रहकर अमृता देवी के बलिदान को अमर करने में नारी शक्ति का योगदान दर्शाया पुरुषों के साथ महिलाओं द्वारा उत्साह से पौधारोपण के इस दृश्य को देखकर लोगों का उत्साह व खुशी दुगुनी हो गई । श्रीमती तीजादेवी, रामप्यारी देवी ,चावली देवी ,सुंदरी देवी, सरोज ,मनोहरी देवी ,धापीदेवी और श्रीमती संजू ने उत्साह के साथ पौधे लगाए ।
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