व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 : सुरेश गोदारा 17 वीं रैंक से बने व्याख्याता
आरपीएससी द्वारा आयोजित स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 के इतिहास विषय के परिणाम सोमवार को जारी हुए हैं। जारी परिणामों में बिश्नोई समाज के युवाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। समाज के लगभग 15 युवाओं का स्कूल व्याख्याता इतिहास विषय से चयन हुआ है। सफलता की यह कहानी इन्हीं में से एक युवा सुरेश गोदारा की है।
बिश्नोई न्यूज़ डेस्क, बीकानेर। आरपीएससी द्वारा जारी स्कूल व्याख्याता परिणाम इतिहास विषय में समाज के युवा सुरेश गोदारा ने सफलता का शिर्ष मुकाम पाया है।
सुरेश का जन्म जालौर जिले के चितलवाना तहसील के छोटे से ग्राम भूतेल के श्री मानाराम गोदारा के यहां हुआ। मानाराम गोदारा भी वरिष्ठ अध्यापक के पद पर सेवारत है।
समाज के उम्र 29 वर्षीय युवा सुरेश गोदारा का स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 में इतिहास विषय से संपूर्ण राजस्थान में 17 वी रैंक से चयन हुआ है।
सुरेश गोदारा ने शिक्षक बनकर भारतीय युवा पीढ़ी को सुधारने के सपने के साथ अपनी पढ़ाई के साथ प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी की। मजबूत इरादों के साथ प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में जुटे सुरेश कुमार को सफलता का प्रथम स्वाद वर्ष 2012 में चखने को मिला।
वर्ष 2012 में सुरेश गोदारा शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में चयनित हुए। गोदारा वर्तमान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मगापा (जुंजाणी) में सेवारत है। गोदारा वर्ष 2018 आर ए एस की मेंस परीक्षा दे चुके हैं। आपने NTA द्वारा आयोजित कॉलेज प्रोफेसर अर्हता राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) भी क्वालीफाई किया है। वर्तमान में भी गोदारा इतिहास विषय से कॉलेज सह आचार्य (एसिस्टेंट प्रोफेसर) भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं।
भाटिया आश्रम सूरतगढ़ जागरूक अभ्यर्थियों के लिए सफलता प्राप्त करने की सीढ़ी है।
- सुरेश गोदारा व्याख्याता इतिहास विषय
सुरेश गोदारा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, भाटिया आश्रम सूरतगढ़ एवं दोस्तों को दिया। अपनी सफलता में मुख्य भूमिका अदा करने वाले भाटिया आश्रम के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए गोदारा ने बताया कि भाटिया आश्रम में अध्यापन के प्रति समर्पण, समय प्रबन्धन ,प्रतिदिन टेस्ट प्रक्रिया से बहुत अच्छा अभ्यास कराया जाता है। जो प्रत्येक जागरूक अभ्यर्थियों को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
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