प्रेरक कहानी - परिवार के सम्पूर्ण सदस्य राजकीय सेवा में, दो बहने बनी एक साथ भूगोल व्याख्याता
बिश्नोई न्यूज़ डेस्क, बीकानेर। सरकारी नौकरी के लिए जद्दोजहद तो हर युवा करता है परंतु सफलता विरले ही पाते हैं। परिवार में 1 सदस्य भी सरकारी नौकरी में हो तो सोने पर सुहागा माना जाता है। परंतु क्या कभी आपने सुना है परिवार के सभी सदस्य देश हित में सेवारत है। आज हम आपको ऐसे ही परिवार से रुबरु करवाएंगे जिसमें सभी सदस्य राजकीय सेवारत है। पांच बहनों, एक भाई और माता-पिता वाले इस परिवार में आधा दर्जन सदस्य शिक्षक है। जो भारत के भविष्य युवा पीढ़ी के भविष्य निर्माण में तल्लीनता से लगे हुए हैं।
समाज में बेटियों को आज भी बेटों से कमतर आंका जाता है। अक्षर हम अखबारी कतरनों या टीवी के माध्यम से 10वीं या 12वीं के बाद बेटियों को शिक्षा से वंचित रखने की खबर देखते हैं। परंतु राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, साकड़ में प्राध्यापक पद पर सेवारत श्री हरी राम बिश्नोई ने अपनी पांचों बेटियों को बेटे रामनिवास की तरह लाड-प्यार दिया। उन्हें शिक्षित किया। और सपना संजोया की बेटियां दीपक की मानिंद शिक्षा रूपी उजाले की किरण चहुंओर बिखेरेगी।
पिता के इस सुनहरे सपने को साकार करने के लिए पांचों बेटियों ने भी कड़ी मेहनत के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की।
आरपीएससी द्वारा हाल ही में जारी भूगोल विषय के परिणामों में सेड़ीया निवासी प्राध्यापक हरिराम बिश्नोई की दो बेटियां व्याख्याता चयनित हुई। वरिष्ठ अध्यापिका इंदु बिश्नोई 77वीं रैंक से एवं श्रवण बिश्नोई 74 वीं रैंक से भूगोल व्याख्याता चयनित हुई।
ध्यातव्य रहे इंदु बिश्नोई वर्तमान में राउमावि, लाछड़ी में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवारत है। रामेश्वरी बिश्नोई वरिष्ठ अध्यापिका है वहीं सुशीला अध्यापिका , जबकि मंगली राजस्थान पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर सेवारत है। इन 5 बहनों के इकलौते भाई रामनिवास बिश्नोई भी शिक्षक है। रामनिवास वर्तमान में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, टीटोप में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवारत है।
पांचों बेटियों ने सफलता के नए आयाम स्थापित कर अपने माता-पिता, परिवार व समाज को गौरवान्वित किया है।
बेटियों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता भाई व परिवार को दिया।
बेटियों की सफलता गौरवान्वित करने वाली है। मुझे प्रसन्नता है कि मैंने जो सपना देखा था आवाज बेटियों की मेहनत की बदौलत पूरा हुआ है। क्षेत्र की अन्य बेटियां भी इन से प्रेरणा लेकर सफल हो, ऐसी कामना करता हूं।
हरी राम बिश्नोई (प्राध्यापक) राउमावि, सांकड़
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