व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2018 : एक ही परिवार से पति पत्नी दोनों को मिली सफलता
जालौर जिले के चितलवाना तहसील के हेमागुड़ा निवासी एक परिवार के दो अभ्यर्थियों ने गणित व इतिहास प्रथम श्रेणी व्याख्याता पद पर बाजी मारी है हेमा गुड़ा निवासी रविंद्र सारण का गणित विषय में 77वीं रैंक से चयन हुआ है। वहीं रविंद्र की पत्नी इंदु को इतिहास विषय में 132वीं रैंक से सफलता मिली है।
गणित विषय में 77वीं रैंक हासिल करने वाले रविंद्र सारण का कहना है कि मेहनत के दम पर किसी भी क्षेत्र में सफलता संभव है।
रविंद्र गणित विषय में जालौर जिले से सफलता प्राप्त करने वाला एकमात्र अभ्यर्थी है।
रविंद्र ने अपनी उच्च शिक्षा जोधपुर में रहकर पूर्ण की। रविन्द्र ने एमएससी मैथ्स, मैथ्स में नेट, एमए इतिहास, एल एल बी, पीजीडीसीए सहित अनेक उपाधियां प्राप्त कर रखी है।
आप विगत पांच वर्षों में जोधपुर की एक प्रतिष्ठित संस्थान में अकादमिक पद पर प्रबंधन का कार्य देख रहे थे।
रविन्द्र के पिताजी श्री नरिंगारामजी सांचौर क्षेत्र के सबसे पुराने ख्याति प्राप्त शिक्षकों में से एक है जो अपनी अधिकतर सेवा में हेडमास्टर के पद पर रहे इस कारण हेड साहब के नाम से जाने जाते है। और लियादरा से हेडमास्टर के पद से सेवानिवृत्त हुए है।
रविंद्र की पत्नी इंदु जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से डॉ भरत देवड़ा के निर्देशन में सांचौर का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास पर शोध कार्य कर रही हैं।
इंदु ने व्याख्याता की तैयारी भाटिया आश्रम सूरतगढ़ व भवानी सिंह जी राजपुरोहित के मार्गदर्शन में की है।
इंदु की माता वर्तमान में आकोली गांव की सरपंच है और पिता श्री रामगोपाल धायल सांचौर क्षेत्र के प्रतिष्ठित राजनयिक है।
रविंद्र व इंदु ने अपनी सफलता का श्रेय भगवान, अपने माता पिता, दोस्तों तथा गुरुजनों को दिया है।
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