आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित पवन (पोनी) ने मौत को लगाया गले.
फेसबुक पर लाइव वीडियो देख एक बार परिवार ने बचाया लेकिन दूबारा सोने के बाद फिर से पंदे को लगाया गले.
हिसार के उकलाना मंडी के पवन कुमार बिश्नोई उर्फ पोनी ने फेसबुक पर लाइव सुसाइड कर लिया.
हिसार जिले के उकलाना मंडी में शनिवार देर रात पोनी नामक युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. पेशे से ट्रक ड्राइवर पोनी ने मरने से पहले फेसबुक पर लाइव होकर कंपनी के मालिक पर तनख्वाह नहीं देने का आरोप लगाया. इसके बाद पोनी ने पंखे से लटकाया बेडशीट का फंदा गले में डाला और नीचे से कुर्सी को हटा दिया। चंद सेकंड्स में ही उसने दम तोड़ दिया. हालांकि परिजनों का कहना है कि एक बार तो रात करीब 11 बजे उसे बचा लिया गया था, लेकिन अलस्सुबह जब सब लोग सोए हुए थे तो उसने फिर से फंदा लगा लिया. सूचना के बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाते हुए मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
मृतक के दो लड़कियां व एक लड़का है. शनिवार देर रात पवन ने खुद को फेसबुक पर लाइव वीडियो में दिखाकर फंदा लगा लिया. मरने से पहले पवन ने पुरुषोत्तम नामक किसी व्यक्ति का जिक्र किया है. मौत का यह लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
चचेरे भाई ने बताई यह कहानी
पुलिस को दिए बयान में मृतक पवन के ताऊ के लड़के चंद्र मोहन ने बताया कि वह पिछले करीब 3-4 साल से खेदड़ थर्मल प्लांट में हांसी के पुरुषोत्तम और उसके पार्टनरों की कंपनी में ट्रक पर बतौर ड्राइवर नौकरी कर रहा था. वो लोग न तो वेतन दे रहे थे और साथ ही शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान कर रहे थे. धमकी देते थे कि अगर गाड़ी चलानी छोड़ देगा तो पिछला सारा वेतन नहीं देंगे. तनाव की वजह से पिछले 6-7 दिन से वह घर पर ही था। चंद्र मोहन की मानें तो शनिवार रात करीब 11 बजे पवन ने फेसबुक पर लाइव आकर आत्महत्या का प्रयास किया तो उसने देखकर परिजनों के साथ चौबारे में पहुंचकर पवन कुमार को नीचे उतारा और काफी समझाया. इसके बाद जब सब लोग सो गए तो सुबह 4 बजे के करीब फिर से उसने फंदा लगा लिया और मौत हो गई. इस बात का पता तब चला, जब फिर से फेसबुक अपडेट्स चेक किए. फिर से परिवार के साथ मौके पर पहुंचा तो तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
आत्महत्या नहीं यह हत्या है.
आत्महत्या नहीं यह हत्या है, प्रथम दृष्टा मामला आत्महत्या का लगता है. लेकिन जिस तरह से आर्थिक और मानसिक तौर पर पौनी को उसके साथी कंपनी ठेकेदार द्वारा पिछले 3 वर्षों से प्रताड़ित किया गया, भीतर से टुट चुके पवन ने मृत्यु को गले लगा लिया. हालांकि पुलिस द्वारा आगे की कार्यवाही में मामला साफ हो पाएगा. लेकिन इस तरह अपने छोटे-छोटे बच्चों व भरे पूरे परिवार को छोड़कर जाना कतई सही नहीं था.
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