बिश्नोई समाज के 29 नियम

बिश्नोई समाज के 29 नियम


हमारा उद्देश्य सद्गुरु जाम्भोजी द्वारा प्रतिपादित  बिश्नोई समाज की संहिता ( 29 धर्म नियम ) को डिजिटलाइज करके सहेजना है। 

बिश्नोई समाज के 29 नियम
बिश्नोई समाज के 29 नियम

 जिससे अधिक से अधिक लोग बिश्नोई विचारधारा को जान सके और उससे जुड़ पाए। सद्गुरु जम्भेश्वर भगवान के मानवोन्मुखी नियमों का अनुसरण कर अपना ही नहीं प्रकृति का भी भला कर सके। 

29 धर्म नियम पालन की संकल्पना के साथ बिश्नोई समाज में दीक्षित हुए लोग अपने गुरु जाम्भोजी के परम संदेश का अनुसरण करते हुए प्राकृतिक संपदा (वृक्ष व वन्यजीव)  का सदियों से संरक्षण कर रहे हैं। 

इतना ही नहीं गुरु जाम्भोजी के नियमों की अनुपालना में असंख्य बिश्नोइयों ने वृक्ष व वन्यजीव संरक्षण के लिए अपना बलिदान समय समय पर दिया है। 

हमारे पुर्वजों की प्रेरक परंपरा से बिश्नोई समाज को रुबरु करवाने व गुरु जाम्भोजी के परम संदेश को वैश्विक पटल पर उभारने के उद्देश्य से हमने एक ब्लॉग श्रृंखला की शुरुवात की है। 

ब्लॉग श्रृंखला की पहली कड़ी में हमने इस पहले ब्लॉग पर बिश्नोई समाज के 29 नियम अर्थात् बिश्नोई पंथ संहिता पर आधारित सामग्री को अद्यतन किया गया है । 

इस ब्लॉग के अद्यतन में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले समाज के सभी सुविज्ञ जनों का हम आभार प्रकट करते हैं। 

ब्लॉग पर प्रयुक्त पाठ्य सामग्री को हमने विभिन्न बिश्नोई साहित्यिक पुस्तकों का से लिया है। 29 नियम भावार्थ जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक जम्भसागर, व्याख्याकर्ता स्वामी कृष्णानन्द जी आचार्य से अद्यतन किये गए है।  

ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री के किसी भी भाग को बिना प्रकाशक व लेखक या ब्लॉग प्रबंधक की पूर्व अनुमति अन्यत्र प्रकाशित नहीं किया जा सकता।  ब्लॉग अद्यतन सामग्री के प्रयोग से होने वाले नुकसान/क्षति के लिए कभी जिम्मेदार नहीं होगा। 
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