जीजेयू के प्रो. नरसी राम बिश्नोई दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल

  जीजेयू के प्रो. नरसी राम बिश्नोई दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल

जीजेयू के प्रो. नरसी राम बिश्नोई दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल


हिसार, बिश्नोइज्म। अमरीका के स्टैनफोर्ड विश्विद्यालय ने दुनिया भर के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों को सूची जारी की है।

इस सूचि में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विश्विद्यालय के डीन ऑफ रिसर्च प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई उनके 1991 से लेकर 2020 तक के शोध प्रकाशन के आधार पर इस सूचि में नाम शामिल करवाने में कामयाब रहे हैं।


स्टैनफोर्ड विश्विद्यालय ने 2019 तक के शोध पत्रों के प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों को ग्रेड दिए हैं। विश्व रैंकिंग में से सिर्फ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों का इस सूचि में नाम है। स्टैनफोर्ड विश्विद्यालय ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों के डाटा का विश्लेषण करके रिसर्च क्षेत्र के मुताबिक वैज्ञानिकों के नाम सार्वजानिक किए हैं। साथ ही विश्व रैंकिंग भी जारी की है। इस रैंकिंग में अक्टूबर 2019 तक के शोघ पत्रों को शामिल किया गया है।


गुरु जम्भेश्वर विज्ञानं एवं अभियांत्रिकी विश्विद्यालय के प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई को उनकी रिसर्च पब्लिकेशन के आधार पर यह सम्मान मिला है। उन्होंने 452 शोध पत्र दुनिया के प्रसिद्ध जर्नल जो कि एल्सेबेर, साइस डायरक्ट, एमराल्ड, टेलर एंड फांसिस, तथा स्थ्रिंग जैसे उच्च कोटि के प्रकाशकों से प्रकाशित हुए हैं।


इनके चलते उन्हें राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी, दिल्ली द्वारा 2015 में उच्चतम वैज्ञानिक के सम्मान से नवाजा तथा 2019 में इंडियन अकादमी ऑफ एनवायरनमेंट साइंस, हरिद्वार को ओर से प्रोफेसर एसए. सालगराय अवार्ड से सम्मानित किया।


 तीस से अधिक सालों के करियर में पर्यावरण से जुड़े उम्दा शोध कार्यो के लिए सम्मानित किया गया है। इनके शोध कार्य के प्रभाव के कारण इनका गूगल एच इंडेक्स 37, गूगल आई10 इंडेक्स 73 है तथा इनको रिसर्च को 4743 वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में इस्तेमाल किया है। इनका स्कोपस एच इंडेक्स 29 तथा स्कोपस citication 2923 है।


प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने पांच रिसर्च प्रोजेक्ट, जिनमें की कई प्रसिद्ध फंडिंग एजेंसियों (यूजीसी, हरियाणा साइंस तथा विज्ञान विभाग, एआईसीटीई) ने पैसे उपलब्ध करवाए हैं। इसके इलावा प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई में पर्यावरण की मुख्य समस्याओं जैसे कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पराली व कनक की तूड़ी से इथेनॉल बनाने की रिसर्च को है।

इसके इलावा इथेनॉल को पेट्रोल में मिलकर प्रदूषण काम करने के रास्ते दिखाए हैं। अगर इन शोधों का सही इस्तेम्मल हो तो पर्यावरण प्रदूषण से सम्बंधित समस्याओं का आसानी से समाधान हो सकता है।


उन्होंने समुन्द्र, झील व तालाब में पाई जाने वाली काई से बायो डीजल बनाने से सम्बंधित रिसर्च भी की है। इसमें उन्हें सफलता भी मिली है। उन्होंने बायो रेमेडिएशन विधि द्वारा स्वच्छ करने पर शोध किए हैं, तथा इससे फैक्ट्रियों से जुड़े अपशिष्ट पदार्थों जैसे को कैडमियम, निकल, क्रोमियम से पानी पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर भी शोध किए हैं।


 इनके इलावा प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने 21 पीएचडी करवाई हैं तथा 75 एमटेक में शोधार्थियों को गाइड किया है। विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने प्रोफेसर नरसी राम को अपने शोध द्वारा विश्विद्यालय का नाम रोशन करने पर बधाई दी हैं। उनको ये उपलब्धियां आने वाले विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों के लिए प्रेरणा का स्तोत्र साबित होंगी।

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