मुक्तिधाम मुकाम: भक्त अब कर सकेंगे दर्शन, बिश्नोई धर्म स्थापना महोत्सव पर महासभा का मंदिर खोलने का निर्णय
बिश्नोई न्यूज डेस्क, बिकानेर। गुरु जाम्भोजी के स्माधि स्थल मुक्तिधाम मुकाम स्माधि स्थल में दर्शन के लिए बिश्नोइयों को लंबे समय से इंताजर था। कोरोना महामारी के मध्यनज़र पिछले 6 महिने से बंद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दिनांक 8 नवम्बर से खोल दिया जाएगा।
बिश्नोई महासभा ने लेटर के माध्यम से बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर समाज को सूचित किया। बिश्नोई धर्म की स्थापना 535 वर्ष पूर्व श्री गुरू जम्भेश्वर भगवान ने की थी। इस वर्ष 536 वां धर्म स्थापना दिवस कार्तिक बदी अष्ठमी विक्रम संवत 2077 वार रविवार दिनांक 8 नवम्बर 2020 को बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस हैं।
7 नवम्बर को मुक्तिधाम मुकाम में रात्रि जागरण का आयोजन रखा गया है। 8 नवम्बर प्रातः श्री गुरू जम्भेश्वर भगवान की समाधि दर्शन कर मुक्तिधाम मुकाम से समराथल धोरा तक प्रभात फेरी (शोभा यात्रा निकाली जायेगी। इसके पश्चात समराथल धोरे पर हवन-यज्ञ के बाद पाहल ग्रहण होगा। महासभा ने सभी धार्मिक संस्थाओं से 7 नवम्बर 2020 में रात्रि को दीपकों की रोशनी एवं सत्संग, जागरण करें, सुबह हवन-यज्ञ करके पाहल करने का आग्रह किया।
श्रद्धालु करें सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन
महासभा ने कोरोना महामारी के मध्यनज़र मुक्तिधाम मुकाम में आने वाले श्रद्धालुओं से सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करते हुए दर्शनार्थ आने का आग्रह किया है।
वहीं समाज का बुद्धिजीवी वर्ग है इस कार्यक्रम के विरुद्ध
ध्यात्व्य रहे बिश्नोई धर्म स्थापना पर महासभा द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम के विरुद्ध आवाज मुखर होने लगी है। समाज के बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि फिलहाल मुकाम मंदिर के कपाट दर्शनार्थ खोलना मुर्खता भरा निर्णय सिद्ध होगा। बिकानेर जिले में कोरोना का बढ़ता प्रकोप राज्य भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बिकानेर में कोरोना तीसरे स्टेज पर हैं, दुर्भाग्य से कोरोना से बेहाल राज्य का पहला जिला बन गया है। ऐसी स्थिति में बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस पर मुकाम में बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजन का फैसला दुर्भाग्य पूर्ण है।
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