वन विभाग की लापरवाही के चलते नीलगाय के घायल बच्चे ने तोड़ा दम.

वन विभाग की लापरवाही के चलते नीलगाय के घायल बच्चे ने तोड़ा दम.

वन विभाग की लापरवाही के चलते नीलगाय के घायल बच्चे ने तोड़ा दम.


बिश्नोइज़्म, बिकानेर। सवाई माधोपुर के सेलू कस्बे में 14 अक्टुबर के सवेरे 8 बजे के लगभग नीलगाय के नवजात को कुत्तों ने बुरी तरह जख्मी कर दिया. ग्रामीणों ने कुत्तों से नवजात नीलगाय को छुड़वाया. ग्रामीण सलीम ने बताया कि हमनें वन विभाग के कर्मिकों को 8.30 बजे सूचित किया. लेकिन वन विभाग का कोई भी नुमाइन्दा घटना के 4 घंटे बीत जाने के बाद भी घटना स्थल पर नहीं पहुंचा. नीलगाय का बच्चा कुत्तों द्वारा नौचने से बुरी तरह जख़्मी हो गया था. आसपास उपचार की कोई व्यवस्था न होने के कारण हमने कई दफा वन कर्मियों को फोन के माध्यम से गंभीर रूप से घायल बच्चे को बचाने को लेकर बात की. बातचीत में वन कर्मियों कुंडेला, जटवाड़ा और माधोपुर होना बताया. ग्रामीणों को आश्वासन दिया की हम आधे घंटे में आ रहे हैं. लेकिन वन कर्मियों की राह टोहते-टोहते नीलगाय के बच्चे की जान चली गई. सलीम ने कहा अगर वन कर्मिक हमें स्पष्ट कहते की हम नहीं आ सकते तो हम अपने स्तर पर इसे बचाने का प्रयास करते लेकिन वन कर्मिकों के इंतजार में इस निरीह वन्य जीव की जान चली गई. आखिर में 'ढ़ाक के तीन पात' वाला जवाब वन कर्मियों ने दिया. जब यह मर ही गया है तो अपने हिसाब से कहीं भी दफना दो या फेंक दो हमें क्यों परेशान कर रहे हो. इस प्रकार एक वन्य जीव वन विभाग की लापरवाही व सुस्ती के भेंट चढ़ गया. 

जिन वन अधिकारियों से ग्रामीणों ने बात की उनकी लिस्ट व रिकार्डिंग मौजुद है.

सुबह 8:30 बजे के लगभग वन विभाग के कर्मिक टीकमचन्द से बात की. इसके पश्चात महेन्द्र शर्मा, राजवीर सिंह, विष्णु राजावत, रामखिलाड़ी, जगदीश जाट, सुरेश गुर्जर, चन्द्रप्रकाश से बात करने पर आश्वसन के अलावा कुछ नहीं मिला. इस नवजात नीलगाय की मृत्यु सूचना के उपरान्त होना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया  निशान है!
 

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