स्नेह भरे हाथों ने भर दिए मां के घाव, दुनियां में आया नन्हा हिरण

 स्नेह भरे हाथों ने भर दिए मां के घाव, दुनियां में आया नन्हा हिरण

स्नेह भरे हाथों ने भर दिए मां के घाव, दुनियां में आया नन्हा हिरण



आसाखेड़ा गाँव के ग्रामीणों की मेहनत से 15 दिन में स्वस्थ हुआ घायल हिरण, मां-बच्चे को डियर पार्क हिसार में ले जाया गया


डबवाली  के निकटवर्ती आसाखेड़ा गांव के लोगों ने गर्भवती हिरण को बचाया। गांव की गौशाला में रखकर उसका उपचार किया। ग्रामीणों को देखभाल से स्वस्थ हुए हिरण ने नर हिरण को जन्म दिया। मंगलवार को दोनों को हिसार के डीयर पार्क में लेजाया गया। वन्य प्राणी विभाग ने हिरण रक्षकों की रियर हीरो करार दिया है। विभाग के अनुसार ग्रामीणों ने एक साथ दो वन्य प्राणियों की जिंदगियां बचाने का काम किया है।


करीब 15 दिन पहले आसाखेडा- कैटाला गांव के मध्य काला हिरण के पीछे आवारा कुन पड़े थे। कुत्तों ने कई जगह से उसे नौच लिया था। यह बचास बचाते हुए आसाखेडा की एक ठाणी में प्रवेस कर गया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे आसाखेड़ा गांव निवासी साहबराम ज्याणी मनीष शर्मा, मेघाराम, मदन लाल सहारण बुरी तरह से शाचल हिरण को उठाकर गौशाला में ले आए। वहां बने ट्रीटमेंट सेंटर में उपचार शुरू किया। 


करीब 225 काले हिरण है क्षेत्र में

 वन्य प्राणी विभाग के मुताबिक आसाखेड़ा, चौटाला, भारुखेडा, जंडवाला बिश्नोइयां, गंगा इलाके में करीब 225 वाले हिरण हैं। हिरण की इस प्रजाति को आवारा कुत्ते अक्सर अपना शिकार बनाने का प्रयास करते हैं। वन्य जीव प्रेमी घायल हिरणों को उपचार के लिए अबूबशहर, आसाखेड़ा, चौटाला या अन्य किसी गौशाला में ले जाते हैं। वहां उपचार के बाद हिरणों को डियर पार्क में छोड़ा जाता है।


आशाखेड़ा गौशाला में मिला हिरण ऐसे लगा जैसे पालतू हो। ग्रामीण उसके घावों पर विटाटिन दवा लगाते थे तो यह बिल्कुल विलित नहीं हुआ। प्रतीत होता है कि वह राजस्थान सीमा प्रवेश करके चौटाला भारुखेड़ा रकबा में आया होगा। उसके पीछे आवारा कुत्ते होने के कारण वह ढाणी में बने मकान में जा घुसा। तभी सुरक्षित बचा। ग्रामीणों ने एक साथ दो वन्य प्राणियों की जान बचाकर रियल हीरो जैसा कार्य किया है। 

-एसआइ लीलू राम, वन्य प्राणी विभाग, सिरसा


घावों पर रोज मरहम लगाई गई। नतीजा यह रहा कि ग्रामीणों के स्नेह से गर्भवती हिरणी के घाव भर गए। उसे भरपेट भोजन दिया, तो कुछ ही दिनों में हष्ट-पुष्ट हो गयी। जो गर्भावस्था में उसके लिए जरूरी था। उसने स्वस्थ नर हिरण जन्म दिया।


  मंगलवार को सूचना पाकर वन्य प्राणी विभाग सिरसा की टीम आसखेड़ा गौशाला पहुंची। हिरण तथा नवजात शावक को लेकर डियर पार्क लिए रवाना हो गई।


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