मृत्युभोज पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी के बाद जिले में पहली शिकायत आई सामने

मृत्युभोज पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी के बाद जिले में पहली शिकायत आई सामने

मृत्युभोज पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी के बाद जिले में पहली शिकायत आई सामने
मृत्युभोज पर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी के बाद जिले में पहली शिकायत आई सामने

बीकानेर। राज्य सरकार द्वारा मृत्युभोज पर लगाई गई पाबंदी के बाद आज जिले से पहली शिकायत सामने आई है। जहां गंगाशहर निवासी अधिवक्ता प्रेम बिश्नोई पुत्र गंगाबिशन ने बज्जू को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की है। इस ज्ञापन में बताया कि कोलायत तहसील के चक 7 पीएसडी फूलासर निवासी एक व्यक्ति की 7 जुलाई को मृत्यु हो गई थी। जिसका दाह संस्कार 8 जुलाई को किया गया तथा दाह संस्कार में करीब 250 से 300 व्यक्ति शामिल हुए थे। इस दौरान केन्द्र व राज्य द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी गाइडलाइन की पालना नहीं की गई। साथ ही बताया कि 10 जुलाई को मृत्युभोज का आयोजन रखा गया है इस आयोजन में लगभग 3500 से 4000 व्यक्तियों का भोजन तैयार किया गया है जिसमें हजारों लोगों को आमंत्रित किया गया है।
ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते यदि इतनी संख्या में व्यक्तियों का समूह एक जगह इक्कठा होता है तो कोरोना महामारी के फैलने की बहुत ज्यादा आशंका है तथा हाल ही में राज्य सरकार द्वारा आदेश जारी कर मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को प्रतिबंधित किया गया है। राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 के प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए है। ज्ञापन में बताया कि मृतक के पुत्रगण द्वारा 10 जुलाई को मृत्युभोज का आयोजन रखा गया है। यदि समय रहते इस आयोजन को नहीं रोका गया तो न केवल मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को बढावा मिलेगा बल्कि इस आयोजन से कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा।
ज्ञापन में बताया कि राजस्थान मृत्यु भोज निवारण अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अनुसार मृत्युभोज होने की सूचना न्यायालय को दिये जाने का दायित्व पंच, पटवारी और सरपंच को दिया गया है जबकि इस मृत्युभोज के आयोजन में शामिल होने के लिये ग्राम पंचायत फूलासर, गौडू के सरपंच व हल्का पटवारी को भी आमंत्रित किया गया है। मृत्युभोज की सूचना सरपंच व हल्का पटवारी को हेते हुवे भी उन्होंने इस सूचना को छिपाया गया है।
ज्ञापन में बताया गया कि इस मृत्युभोज के आयोजन को रोका जाकर राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 की पालना सुनिश्चित कराने के आदेश दिये जावे तथा इस आयोजन के कारण कोरोना महामारी के संक्रमण के फैलने से रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए।

बज्जू थानाधिकारी ने कहा उन्हें ज्ञापन देने की कोई जरूरत नहीं- अधिवक्ता प्रेम बिश्नोई

अधिवक्ता प्रेम बिश्नोई ने बताया कि फूलासर में हो रहे मृत्युभोज की शिकायत का ज्ञापन कलेक्टर को देने उनके कार्यालय पहुंचे, लेकिन कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होने के कारण यह ज्ञापन की कॉपी अतिरिक्त जिला कलेक्टर एच.एस.गौरी को सौंपी। अधिवक्ता ने बताया कि उसके बाद उन्होंने एसपी को भी ज्ञापन सौंपा, जहां एसपी ने कहा कि प्रशासन के माध्यम से शिकायत उन तक आएगी तो आगामी कार्यवाही की जाएगी। अधिवक्ता ने बताया कि यहां से निकलने के बाद वे बज्जू तहसीलदार हरिसिंह को ज्ञापन सौंपा। जहां उन्होंने तहसीलदार ने पटवारी को मौके पर बुलाते हुए पाबंद किया कि इस प्रकार का कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। उसके बाद तहसीलदार ने अधिवक्ता से कहा कि ज्ञापन की एक कॉपी थानाधिकारी को भी दे दीजिए। जिस पर अधिवक्ता पुलिस थाने पहुंचे, लेकिन थानाधिकारी वीरेन्द्र पाल थाने में मौजूद नहीं मिले। जिस पर अधिवक्ता ने थानाधिकारी को फोन पर अवगत करवाया और कहा कि आपके क्षेत्र में होने वाले मृत्युभोज की शिकायती ज्ञापन देना है तो थानाधिकारी कहा कि उन्हें ज्ञापन की कोई जरूरत नहीं है, मैं अपने-आप तहसीलदार से बात कर लूंगा, आप जाओ।



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