विनोद कड़वासरा बने अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष

विनोद कड़वासरा बने अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष


जिला फतेहाबाद के गांव बड़ोपल के पर्यावरणविद एवं वन्यजीव सरंक्षक विनोद कड़वासरा को अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। जैसा कि विदित है विनोद कड़वासरा पिछले दो दशक से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे है। कड़वासरा की अगुवाई में फतेहाबाद जिलें को वन्यजीवों के सरंक्षण के लिए तीन सामुदायिक संरक्षित क्षैत्र,गांव बड़ोपल में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित जगह, ब्लैडवाले तारों पर प्रतिबन्ध, कुतों का बधियाकरण, पशु एम्बलैंस का संचालन, पौधारोपण अभियान, शिकारियों पर कार्यवाही, पशु मेले में व्यवस्था इत्यादि
विनोद कड़वासरा बने अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष
अनेक उल्लेखनीय कार्य किए है। इसके अलावा पशु मेलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नए नियम और उन नियमों के अनुसार हरियाणा में पशु मेलों के लिए नइ्र्र पाॅलिसी कड़वासरा के प्रयासों से ही बनी है। अभी गांव बड़ोपल में चार एकड़ भूमि में वन्यजीवों के इलाज़ के लिए ट्रिटमैंट सैंटर खुलवाने के लिए प्रयासरत है और मामला सरकार को भेजा हुआ है। इन कार्यों   को देखते हुए बिश्नोई समाज ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। बड़ोपल में वन्यजीवों की भूमि को आरक्षित करवाने के मामले में कड़वासरा ने एन.जी.टी. नई दिल्ली में केस की पैरवी की । इसी प्रकार पंजाब हरियाणा हाई कोई, दिल्ली हाई कोर्ट, पर्यावरण कोर्ट कुरूक्षैत्र में विभिन्न केसों की पैरवी के लिए सैकड़ों चक्कर लगाए है। सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष साहब राम बिश्नोई ने बताया कि आज सभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का वेबिनार आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय संगठन के सभी पदाधिकारियों ने भाग लिया। उसमे हरियाणा अध्यक्ष के लिए सभी सदस्यों ने विनोद कड़वासरा के नाम पर सहमति जताई। हरियाणा प्रदेश के प्रभारी रमेश राहड़ की अनुशंसा पर सुभाष देहडू को प्रदेश संरक्षक/मार्गदर्शक व विनोद कड़वासरा को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया। प्रदेशाध्यक्ष को  प्रदेश व जिला कार्यकारिणी का गठन कर राष्ट्रीय कार्यालय को अवगत करवाने बारे कहा गया है।  वहीं विनोद कड़वासरा ने अपनी नियुक्ति के लिए सभा के सभी पदाधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वे उसे पूरी निष्ठा के साथ कार्य करेंगे और उनका प्रयास रहेगा कि सप्ताह के भीतर कार्यकारिणी गठित कर दी जाएगी । उनकी प्राथमिकता रहेगी कि पहले छ महीने में ग्राम , खण्ड स्तर पर कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा फिर उन्हें वन्यजीवों को रैस्क्यु व शिकार की घटनाओं की रोकथाम बारे प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा रैस्क्यु शैल, लीगल शैल, पौधारोपण शैल, जागरूकता एवं मिडिया शैल, तालमेल/कार्डिनैशन शैल, सदस्यता अभियान कमेटी गठित करके कार्य विभाज़न किया जाएगा और वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किए जाऐगें।

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